अभी तो कुछ और था, अभी कुछ और है,
बदलते हुए लम्हे देख दिल ये बेकरार है,
कहते हैं सब वक़्त का तकाज़ा होता है,
यहाँ तो ज़िन्दगी-मौत भी वक़्त की मौहताज़ है,
कभी ये होता है, कभी वो होता है,
ज़िन्दगी होने ना होने में बीत जाती है,
जब तक इसको संभाल पाते,
हमारी तो शक्शियत भी ज़मीन में मिल जाती है,
कहते हैं, क्या लेके आये थे, क्या लेके जायेंगे,
सब यहाँ का यहाँ छोड़ चले जायेंगे,
फिर काहे की फ़िक्र, काहे का रोना,
सब उसपे छोड़ दो, जो होना वही होना,
जियो तो ऐसे कि कोई कसर बाकी ना रह जाये,
बिना किसी गिला शिकवा के हस्ती खेलती गुज़र जाये,
इसे आदत बना लो तो कायनात भी हसीन लगती है,
ज़िन्दगी ऊपर से नीचे तक फिर रंगीन लगती है,
कहते हैं ज़िन्दगी पल में गुज़र जाती है,
इसी पल को जी भर के जी लो, ज़िन्दगी यही सिखाती है.
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