ये बात सही है कि गुमान को घमंड में तब्दील होने में बहुत देर नहीं लगती.
मगर क्या ये इस देश में पैदा हो रहे और पल रहे हर बच्चे के जीवन का आधार नहीं होना चाहिए?
इसपे विचार करने की आवश्यकता है.
क्या कभी आपने सोचा है कि एक हिन्दुस्तानी आदमी जब विदेश जाता है, तो उसे उस तरह से इज़्ज़त नहीं मिलती जैसे किसी और देश जैसे कि जापान या यूरोप के वासी को मिलती है.
इतनी प्राचीन संस्कृति के बाद भी क्यों एक हिन्दुस्तानी को एक तरीके से नापा और तोला जाता है.
कुछ लोगों का मानना है कि हर इंसान को बिना किसी भेद भाव के देखा जाना चाहिए.
जैसी उसकी हरकते हो वैसे उसके साथ पेश आना चाहिए.
लेकिन एक आसान तरीका ये है कि उसको किसी ग्रुप में डाल, उसके बारे में राय कायम करी जाये, भले ही वो राय सही हो या ना हो.
लेकिन किसके पास इतना समय है, कि वो इसपे विचार करने का कष्ट करे.
परिणाम स्वरुप ये ऐसे होते हैं, वो ऐसे होते हैं, की प्रवलित राय बनने में देर नहीं लगती.
ये हमारे देश के अंदर भी बहुत होता है,
जहाँ
एक नार्थ इंडियन और साउथ इंडियन को अलग तरह से मापा जाता है.
क्या ये एक प्रकार से सूचना और ज्ञान में अभाव नहीं है?
और ऐसा अगर है तो क्यों है?
हमारा इतिहास क्या बिना किसी भेद भाव के रचा गया है?
क्या पुरातत्व शास्त्र (archaeology) का उपयोग बिना किसी पक्षपात के किया गया है?
अगर नहीं, तो क्या ये गवर्नमेंट या हर नागरिक की ज़िम्मेदारी नहीं बनती कि वो इसको बदले?
इसको एक छोटी सी बात मान लेना क्या हमारे आने वाले जेनेरशन के लिए अच्छी बात होगी?
जहाँ आपको विदेश में एक प्रकार का ट्रीटमेंट मिलेगा.
अगर नहीं तो हर किसी को एक भारतीय नैरेटिव के बारे में बात करनी होगी जो सच है और उसके आविष्कारों और उपयोगिताओं का व्याख्यान करे.
अगर हम इन बातों को अपने बच्चों तक नहीं पहुचायेंगे और हमेशा हमारे बच्चे किसी विदेशी के आविष्कारों के बारे में सिर्फ पढ़ेंगे,
तो उनमें गुमान कहाँ से पैदा होगा.
परिणाम ये होगा कि हमेशा वो खुद पे गुमान करने के बजाये खुद को कम आकेंगे
और
आने वाले दिनों में ये पूरे समाज की मानसिकता बन जाएगी.
क्या आप ऐसी मानसिकता से अपने बच्चों को नहीं बचाना चाहेंगे?
कहते है वक़्त रहते अगर काम हो जाये, तभी उसकी एहमियत होती है,
ये हम सबको खुद से पूछना है, क्या हमारे पास वक़्त बहुत ज्यादा है?
और अगर नहीं,
तो इस वक़्त में हम ऐसा क्या करके जाना चाहेंगे जो हमारे बच्चों के लिए आने वाले समय में मददगार सिद्ध होगा.
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