The Maalish Waala!

What can a maalish waala possibly teach you in life? If you are thinking just the same and if you are wondering what he could indeed have taught me this very morning, then you cannot afford to miss upon what I am just going to narrate below, taking the liberty of citing the man at times and taking cues from the conversation that I had with him.how-olive-oil-works-3

कहते हैं कि लोग किसी के पास बिना किसी वजह के नहीं जाते. यहाँ तो साहब मंत्री से लेके उनके चपरासी तक सभी आते हैं. मैं ये अपना सौभाग्य समझता हूँ कि मुझे इनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है. ज़रूर मैंने पिछले जन्म में कोई अच्छे कर्म ही किये होंगे जो आज मुझे इतने लोगों की तकलीफ दूर करने का एक मौका मिल रहा है.

ऐसा नहीं है कि मैं हमेशा एक सामान सोचता था. मेरे पिताजी जब शुरू में ये काम करते थे और उनके पास अनेक लोग आते थे, तब मैं अक्सर उन लोगों का रवैया देख काफी परेशान हो जाया करता था. मुझे लगता था कि इन लोगो को हमारी तकलीफ क्यों नहीं नज़र आती. बदले में क्या वो हमारे लिए ऐसे काम जो उनके स्थर पे काफी छोटे ही माने जायेंगे, नहीं करा सकते. और अगर नहीं करा सकते तो हम उनकी तकलीफ क्यों दूर करें.

ऐसे ही एक दिन इसी उधेर बुन में अपने पिताजी से मैंने पूछा कि वो क्यों करते हैं ये सब. तो उन्होंने मुझसे कहा, हर चीज़ पैसों या आपकी ज़रूरतों से नहीं तौली जा सकती. हर किसी को किसी से कोई न कोई फायदा ही हो, ये ज़रूरी नहीं. भगवान् कि दुआ है कि उन्होंने तुम्हारे पिता को इस हुनर से नवाज़ा. कहते हैं डॉक्टर भगवान् का ही रूप होते हैं. हाँ मैं मानता हूँ कि मेरे पास वो सारी डिग्री नहीं हैं जो एक डॉक्टर के पास होती है लेकिन भगवान् ने मुझे सबसे बड़ी डिग्री दी है और वो है दूसरों को ठीक कर पाने कि क्षमता. इसी इश्वर द्वारा दिए हुनर का सद्पूर्वक प्रयोग कर पाना ही मेरा सबसे बड़ा धर्म और कर्त्तव्य भी है.

उस दिन के बाद ना मैंने कभी उनसे कुछ पूछा नाही कभी किसी और के हमारे लिए कुछ ना करने पे टिपण्णी की. अपने पिता से ये हुनर सीखने के पश्चात मैं भी इसी में उनकी मदद करने लगा. मेरे पिता का ये मानना था की क्योंकि ये भगवान् की हमारे ऊपर कृपा थी, इसलिए हमें इसका कदापि दुर्रुप्योग नहीं करना चाहिए. वो हमेशा से यही चाहते थे की हम गरीबो का इलाज मुफ्त में ही करें. जो दे सकता था उससे ले लेते थे, और जो देने में सक्षम नहीं था उसका इलाज हम ऐसे ही कर देते थे.

लेकिन कभी कभी लोग हमारे इस बर्ताव का गलत इस्तमाल करने लगते हैं और पैसा होते हुए भी हमें नहीं देना चाहते हैं. बहुत सारे बड़े अधिकारी आते हैं जो हमसे ये उम्मीद रखते हैं कि हम उनका इलाज मुफ्त में ही कर दें. कभी कभी डर के तो कभी ये सोच के कि हमें पैसे के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए हम इन बातों को अनदेखा कर देते हैं.

औरों को देख के कभी कबार बस यही लगता है, कि जब हम इस तरह से अपना जीवन संतोषपूर्वक व्यतीत कर सकते हैं तो और लोग क्यों नहीं. कभी कभी ये मन में ख्याल आता है कि लोगों को कितना पैसा चाहिए. हर कोई एक दुसरे को पीछे छोड़ देने कि होड़ में लगा हुआ है. जितना ही जो ज्यादा पैसा कमा रहा है उसकी और कमाने कि चाह बढती जा रही है. भले ही वो एक बड़ा सा डॉक्टर या बड़े से बड़ा अधिकारी क्यों ना हो.

जब भी अपने बच्चे को देखता हूँ साहब तो मन में एक अजीब सा डर बैठ जाता है कि आने वाले दिनों में किस प्रकार कि स्थिति उत्पन हो जायेगी. पता नहीं मेरा बीटा इन सब के बीच में कैसे रह पायेगा. पता नहीं वो अपना रह गुज़र कैसे कर पायेगा. मगर एक बात तो तय है साहब, मैं अपने बेटे को भी वही सारी शिक्षा देना चाहूँगा जो मेरे पिताजी ने मुझे दी. इसीलिए शायद आज तक मैं अपना सर उठा के संतोष से जीवन व्यतीत कर पा रहा हूँ.Embedding_Ethics_in_Engineering_Education-hero

After having had that conversation with the man, I had no words left in my system. This whole conversation was more than enough to send me down my memory lane. On one hand, where I could remember all the words that my father had spoken to me once, as a child, on the other hand, I was amazed at the kind of ethics and morality that the man had demonstrated, considering the fact that a man in his position might not think in the same manner as he does and might not be so calm about the fact that he is barely able to earn a day’s living and even then, he sees his profession as a mere reflection of what the God has bestowed upon him.

Truly an inspiration and hats off to the guy for being the person that he is!

Source for Image: http://recipes.howstuffworks.com/how-olive-oil-works3.htm, http://www.asme.org/kb/news—articles/articles/engineering-ethics/embedding-ethics-in-engineering-education

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